Total Pageviews

Monday, October 31, 2011

Sorting through Indian Sweets

मीठे के बिना दिवाली अधूरी है। इस मौके पर लोग सिर्फ खुद दिल खोलकर मिठाई खाते हैं, बल्कि रिश्तेदारों और दोस्तों को भी खूब मिठाई खिलाते हैं। जमकर खाई गई मिठाई बाद में अपना रंग दिखाती है, जब वजन, कॉलेस्ट्रॉल या शुगर बढ़ जाती है। लेकिन, सच यही है कि मीठे के बिना दिवाली बेमजा है।

ऐसे में एक्सपर्ट्स की मदद से हम आपको बता रहे हैं, कुछ ऐसी मिठाइयों के बारे में, जो नुकसानदेह तो हैं लेकिन दूसरी मिठाइयों के मुकाबले कम। पूरी जानकारी प्रियंका सिंह से :

1. गुलाब जामुन
143 कैलरी/एक पीस
मैदा से बनता है। डीप फ्राई होने की वजह से कैलरी काफी ज्यादा होती हैं। चीनी भी ज्यादा होती है यानी मैदा, चीनी और डीप फ्राई तीनों नुकसानदेह। इसे खाना बेहतर।

रसगुल्ला
125 कैलरी/एक
छेना से बनता है इसलिए इसमें प्रोटीन होता है। फ्राइड नहीं होता। मीठा काफी कम होता है और रस निचोड़कर उसे भी कम कर सकते हैं। इसे खाना बेहतर।

2. बर्फी/काजू कतली
50-60 कैलरी/एक
दूध से बनती है लेकिन खोया और चीनी ज्यादा होने की वजह से कैलरी काफी ज्यादा होती हैं। काजू की बर्फी भी स्वाद में बेशक अच्छी लगती है लेकिन सेहत के लिए इसे अच्छा नहीं माना जा सकता। इसे खाना बेहतर।

संदेश/काचागुल्ला
32-40 कैलरी/एक पीस
छेना से बनता है, इसलिए इसमें प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है। चीनी भी कम होती है। काचागुल्ला में 40-50 से ज्यादा कैलरी नहीं होतीं। लेकिन इन्हें 24 घंटे के अंदर खत्म कर देना चाहिए। इसे खाना बेहतर।

3. लड्डू/ डोडा
300-450 कैलरी/एक पीस
मोतीचूर के लड्डू डीप फ्राई होते हैं, जबकि बाकी लड्डुओं में घी और ड्राइफ्रूट्स काफी ज्यादा होते हैं। चीनी काफी ज्यादा होती है। डोडा के एक पीस में 450 तक कैलरी होती हैं। इसे खाना बेहतर।

बेसन लड्डू/घिया की बर्फी
60/80 कैलरी/ एक पीस
बिना ड्राईफ्रूट्स वाले बेसन लड्डुओं में कैलरी ज्यादा नहीं होतीं। कम चीनी वाली नारियल बर्फी या लड्डू भी खा सकते हैं। कॉलेस्ट्रॉल या बीपी के मरीजों को इन्हें नहीं खाना चाहिए। गाजर की बर्फी या लड्डू भी अच्छा ऑप्शन है। इसे खाना बेहतर।

4. जलेबी/इमरती
150/160 कैलरी/ एक पीस
जलेबी और इमरती मैदा, चीनी और तेल को मिलाकर बनती हैं। इनकी चाशनी भी काफी गाढ़ी होती है। एक बार में लोग कई पीस खा जाते हैं। इस तरह कुल मिलाकर काफी कैलरी शरीर में चली जाती हैं। इसे खाना बेहतर। इसे खाना बेहतर।

पेठा
125 कैलरी/100 ग्राम
पेठा पेट के लिए अच्छा होता है और मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है। यह मिठाई जल्दी खराब भी नहीं होती, इसलिए मीठा खाने की इच्छा होने पर थोड़ा-थोड़ा खा सकते हैं। गीले पीठे के मुकाबले सूखे पेठे में कैलरी कम होती हैं। इसे खाना बेहतर।

5. मूंग हलवा
400 कैलरी/एक कटोरी
मूंग दाल के हलवा में घी खूब ज्यादा होता है। इसे घी में ही भूना जाता है। साथ ही, मूंग दाल में भी कैलरी होती हैं। इसमें चीनी भी काफी ज्यादा होती है। इसे खाना बेहतर।

गाजर का हलवा
150 कैलरी/ एक कटोरी
विटामिन और फाइबर से भरपूर गाजर काफी न्यूट्रिशस है। अगर ड्राई फ्रूट्स और घी कम इस्तेमाल किया जाए और डबल टोंड दूध में बनाया जाए तो गाजर का हलवा अच्छा ऑप्शन हो सकता है। इसे खाना बेहतर।

6. मिल्क केक/कलाकंद
300-350 कैलरी/ एक पीस
मिल्क केक और कलाकंद दूध से बनते हैं और इनमें घी या तेल नहीं डाला जाता है। लेकिन, इनमें चीनी काफी ज्यादा होती है और दूध कंडेंस्ड होने से कैलरी बढ़ जाती हैं। कम क्वांटिटी में खाने से कोई नुकसान नहीं है। इन्हें लंबे समय तक नहीं रखा जा सकता। इसे खाना बेहतर।

रसमलाई
200 कैलरी/एक पीस
रसमलाई छेना से बनती है। हालांकि इसमें मलाई भी होती है लेकिन डीप फ्राई नहीं होती। साथ ही दूध से कैल्शियम और प्रोटीन मिलते हैं। एक बार में कम चीनी का एक पीस खाना काफी है। इसे खाना बेहतर।

7. मालपुआ
250 कैलरी/एक पीस
मालपुआ में मैदा, घी, ड्राई फ्रूट्स और चीनी का खूब इस्तेमाल होता है। डीप फ्राई और चाशनी में लिपटा होने की वजह से यह काफी भारी साबित होता है। इसे खाना बेहतर।
खाना बेहतर।

छेना मुर्की
150 कैलरी/100 ग्राम
छेना से बनी इस मिठाई में प्रोटीन होता है। इसमें घी या तेल का इस्तेमाल के बराबर होता है। फ्रिज में रखें तो दो-तीन दिन तक इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे खाना बेहतर।

8. क्रीम पेस्ट्री
400 कैलरी/एक पीस
पेस्ट्री मैदा से बनती हैं और इसमें क्रीम काफी ज्यादा होती है। बदलते मौसम में इसके खराब होने की आशंका भी होती है। चॉकलेट पेस्ट्री में और ज्यादा कैलरी होती हैं। इसे खाना बेहतर।

स्पॉन्ज केक/मफीन
100/130 कैलरी
मैदा से बनते हैं लेकिन इनमें फ्रूट, अंडा आदि होते हैं, जो फायदेमंद हैं। इसमें क्रीम नहीं होती। चॉकलेट मफीन की बजाय फ्रूट मफीन खाएं। चॉकलेट स्टफ्ड मफीन में कैलरी ज्यादा होती हैं। इसे खाना बेहतर।

9. आइसक्रीम
700 कैलरी/250 मिग्रा
आइसक्रीम कैलरी का खजाना होती है। आजकल आइसक्रीम में चॉकलेट और ड्राई फ्रूट्स भी खूब होते हैं। कुल्फी के साथ फलूदा आदि सेहत के लिए और ज्यादा नुकसानदेह है। अगर आइसक्रीम खानी ही है तो फ्रूट सलाद के साथ खा सकते हैं। इससे कैलरी कम होंगी और न्यूट्रिशन भी मिलेगा। इसे खाना बेहतर।

फ्रूट क्रीम
500 कैलरी/ एक कटोरी
फ्रूट क्रीम में यों तो कैलरी काफी होती हैं लेकिन अगर चीनी की बजाय शुगर फ्री डालें, स्किम्ड मिल्क का इस्तेमाल करें और क्रीम की मात्रा काफी कम रखें तो बढ़िया है। फलों में केला और चीकू की बजाय सेब, अनानास, कीवी आदि डालें। इसे खाना बेहतर।

10. श्रीखंड
300 कैलरी/ एक कटोरी
अगर टोंड दूध के दही से बनाएं तो प्रोटीन और कैल्शियम मिलते हैं लेकिन चूंकि इसका दही कंडेंस्ड होता है और ज्यादा चीनी के साथ-साथ ड्राईफ्रूट्स भी डाले जाते हैं तो इसमें कैलरी बढ़ जाती हैं। इसे खाना बेहतर।

फ्रूट कस्टर्ड/घीया की खीर
130 /150 कैलरी/एक कटोरी
घिया में मिनरल और प्रोटीन होते हैं। टोंड दूध से बनी घिया की खीर काफी अच्छी होती है। फ्रूट कस्टर्ड भी खा सकते हैं। कस्टर्ड में हालांकि मैदा होता है लेकिन दूध और फल भी होते हैं। कम कैलरी वाले फल और कम चीनी डालें। टोंड दूध में सूजी वाली सेवइयां भी बना सकते हैं। इसे खाना बेहतर।

नोट: खोया हमेशा अच्छी दुकान से लें। खोया टोंड दूध का हो तो बेहतर है। दूध से बनी चीजों को 24 घंटे में खत्म कर लेना चाहिए।

एक्सपर्ट्स पैनल
- डॉ. शिखा शर्मा, न्यूट्री-हेल्थ एक्सपर्ट
- डॉ. रितिका समादार, रीजनल हेड, डाइटेटिक्स, मैक्स हेल्थकेयर
- सुनीता राय चौधरी, चीफ डायटिशन, रॉकलैंड हॉस्पिटल्स
- दीपशिखा, डायटिशन, जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल

हेल्दी गिफ्ट आइटम

दिवाली पर एक-दूसरे को मिठाई गिफ्ट करने का रिवाज काफी पुराना है। इस मौके पर इतनी मिठाई घरों में जाती है कि खाने का मन नहीं करता या फिर खराब होने के डर से जल्दी खत्म करने के चलते काफी कैलरी शरीर में चली जाती हैं। मिठाई की बजाय इस दिवाली आप नीचे दिए गए आइटम्स को गिफ्ट कर सकते हैं:

चॉकलेट्स

चॉकलेट्स में कैलरी ज्यादा होती हैं इसलिए कम मात्रा में खानी चाहिए। एक छोटी चॉकलेट में 500 कैलरी तक होती हैं लेकिन ये फ्राई नहीं होतीं और डार्क चॉकलेट सेहत के लिए अच्छी होती हैं। ये जल्दी खराब नहीं होतीं, इसलिए जल्दी खत्म करने की जरूरत नहीं महसूस होती। फ्रूट जेली भी दे सकते हैं। इनमें फ्रूट पल्प होता है।

ड्राई फ्रूट्स

ड्राई-फ्रूट्स में बादाम और अखरोट सबसे फायदेमंद हैं। इनमें विटामिन , गुड कॉलेस्ट्रॉल और ओमेगा-थ्री होता है, जो दिल के लिए काफी फायदेमंद हैं। काजू कम खाने चाहिए। इनमें कैलरी आमतौर पर बादाम के बराबर ही होती हैं लेकिन सोडियम ज्यादा होने की वजह से काजू ब्लड प्रेशर बढ़ाते हैं। फ्राइड काजू से तो पूरी तरह दूर रहना चाहिए।

मुरब्बा/ड्राई आंवला

मुरब्बा आमतौर पर डीप फ्राई नहीं होता। इसके एक पीस में 90-100 कैलरी होती हैं। आंवले का मुरब्बा खासतौर पर फायदेमंद है। इसमें विटामिन सी होता है। इसके अलावा सेब या गाजर का मुरब्बा भी दे सकते हैं। मुरब्बे को जल्दी खत्म करने की जरूरत नहीं होती क्योंकि यह काफी लंबे समय तक चलता है। सूखा आंवला आदि भी मार्केट में मिलता है, जिसमें चीनी काफी कम होती है।

खजूर

खजूर में आयरन और फाइबर काफी ज्यादा होता है। ये हेवी होते हैं इसलिए एक बार में ज्यादा नहीं खा पाते और पेट भरा होने का अहसास होने लगता है। इससे शरीर में कम कैलरी जाती हैं। खजूर लंबे समय से खराब नहीं होते और मिठाई का बेहतर ऑप्शन साबित होते हैं।

ताजा फल

फलों में विटामिन और फाइबर काफी ज्यादा मात्रा में होते हैं। पैक्ड जूस की बजाय ताजा फल गिफ्ट करना बेहतर है। पैक्ड जूस में कैलरी ज्यादा होने के साथ-साथ प्रिजर्वेटिव भी होते हैं। फलों में भी अनानास, सेब, संतरे जैसे जल्दी खराब होनेवाले फल बेहतर ऑप्शन हो सकते हैं।

ऐसे पहचानें मिठाई में मिलावट

त्योहारों के मौके पर अगर मिठाइयां खाकर आपका पेट गड़बड़ाने लगे और हाजमा खराब होने लगे तो यह मत समझें कि ऐसा ज्यादा मिठाई खाने से हो रहा है। मिठाई में इस्तेमाल मिलावटी चीजें भी इसकी वजह हो सकती हैं।

ज्यादातर मिठाइयों में खोये का इस्तेमाल किया जाता है। जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल में इंटरनल मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. वी. के. रस्तोगी के मुताबिक, कई बार खोये में मिलावट के लिए उबला हुआ आलू, शकरकंद, मैदा या अरारोट मिला दिया जाता है। इसके अलावा, सफेद ब्लॉटिंग पेपर को भी घोलकर खोया बनाते वक्त मिला दिया जाता है।

मिलावट कैसी-कैसी

- खोये में मैदा, सिंथेटिक दूध, आर्टिफिशल पाउडर या सफेद चीजें

- सिंथेटिक खोया में डिटर्जेंट पाउडर, यूरिया, घटिया किस्म का तेल या मोबिल ऑयल

- देसी घी में घटिया तेल

- केसर में लकड़ी का बुरादा या मक्का

- शुद्ध चांदी के वर्क की जगह ऐल्युमिनियम फॉइल

- मिठाइयों में खाने के नकली रंग या केमिकल्स

- मिठाइयों में चीनी की जगह सस्ती सैक्रीन, जोकि एक केमिकल है

नोट: ढंग से रखरखाव होने या ढुलाई के वक्त गंदे कागजों में लपेटने से भी खोया नुकसानदेह हो जाता है। कई बार चांदी का वर्क भी साफ नहीं होता।

सेहत पर बुरा असर

- आलू और शकरकंद मिला खोया खाने से पेट खराब हो जाता है, लेकिन ज्यादा बड़ा नुकसान नहीं होता। ब्लॉटिंग पेपर की मिलावट वाले खोये से पेट को ज्यादा नुकसान होता है।

- मिलावटी चीजें खाने से पाचन तंत्र और आंतों को नुकसान होता है।

- इससे कब्ज, उलटी, दस्त, पेटदर्द गैस की बीमारी हो सकती है।

- लंबे समय तक ऐसी मिठाइयों के इस्तेमाल से खून की कमी होने का डर भी रहता है।

- ड्रॉप्सी और शरीर में सूजन हो सकती है।

- महिलाओं को माहवारी में दिक्कत हो सकती है।

- सबसे ज्यादा नुकसान बच्चों के पाचन तंत्र और नर्वस सिस्टम को हो सकता है।

पहचान के तरीके

- सिंथेटिक खोये को अगर पानी में मिलाकर फेंटें तो वह टुकड़ों में बंटकर अलग-अलग हो जाता है, जबकि असली खोया पतला होकर पानी में घुल जाएगा और एक जैसा रहेगा।

- खोये को हाथ में लेकर रगड़ें। असली होगा तो घी जैसी चिकनाई हाथ पर छोड़ जाएगा।

- खाकर देखें। खोया असली होगा तो कच्चे दूध का स्वाद आएगा।

- मिठाइयां ज्यादा रंगीन या चमकदार दिखें तो उनमें सिंथेटिक तत्व या केमिकल मिला हो सकता है।

मिठाइयों की जांच

- नकली खोये या मिठाई की जांच के लिए थोड़ी-सी मिठाई या खोये में टिंचर आयोडीन की 5-7 बूंदें और 5-7 दाने चीनी के बुरक दें और गरम करें। अगर खोये या मिठाई का रंग नीला हो जाए तो समझ लीजिए कि मिलावट है।

- मिठाई या खोये के एक टुकड़े पर हाइड्रोक्लोरिक एसिड की 5-6 बूंदें डालें या उस टुकड़े को थोड़े से हाइड्रोक्लोरिक एसिड में कुछ देर के लिए डुबो दें। मिलावट होने पर खोये या मिठाई का रंग लाल या हल्का गुलाबी पड़ जाएगा और एसिड का घोल भी ऐसा ही हो जाएगा। मिलावट होने पर एसिड और मिठाई पहले जैसे बने रहेंगे।

ध्यान दें जरा

बड़े ब्रैंड वाली मिठाइयां ही खरीदें। बड़े ब्रैंड वाली दुकानों पर मिठाइयां टेस्ट करने के लिए लैब्स होती हैं। बड़े ब्रैंड से मिठाइयां खरीदने पर कस्टमर निश्चिंत रहता है। ब्रैंड वाले भी अपनी साख बनाए रखने के लिए अक्सर मिलावट से बचते हैं।

No comments:

Post a Comment